डॉ तनु वेड्स डॉ मनु ( हमारी अधूरी कहानी ) : लेखक डॉ. मनीष गुप्ता
' मै ठीक हूँ आंटी ' मैंने बोला
' और तुम्हारे मकान का क्या हुआ ' तनु की मम्मी न फिर पूँछा,
' आंटी एफ. आई. आर. की नोटिस भिजवा दी है ' मैंने उत्तर दिया,
' और तुमने और तनु ने अपने भविष्य के बारे में क्या सोचा है'
' मै कुछ समझा नहीं आंटी'
' मतलब तुम लोग बड़े हो गए हो अपने निर्णय स्वयं ले सकते हो / तुमने तनु को लेकर शादी के बारे मे क्या सोचा है / '
' यही की अगर आप लोग तैयार होंगे तभी हम लोग शादी करेंगे नहीं तो नहीं '
' हमने सुना है तुमने तनु से भाग कर शादी करने के लिए बोला है '
' नही आंटी नहीं तो '
' और सोचना भी मत इस बारे में ' तनु की मम्मी की आवाज तेज हो गयी थी / शायद वो गुस्से में थी /
' तुम अपनी औकात में रहो समझे / तुमने ही तनु का दिमाग ख़राब कर रखा है / तुम्हे लग रहा होगा आंटी सीधी है तुम इस धोखे में मत रहना / तुम अब तनु से बिलकुल बात नहीं करोगे समझे / नहीं तो हम तुम्हारी सारी डॉक्टरी घुसौड देंगे जो एक मेज और टुटा सा तख्त पड़ा है वो भी नहीं बचेगा'
तनु की मां बोलती जा रही थी गुस्से में और हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था क्या बोलूँ /
हम बिल्कुल डर गए थे उस समय हमें समझ में नहीं आ रहा था की मै क्या करूँ या ना करूँ / पर हमने उनको कोई जवाब नहीं दिया /
हमने उसी समय तनु को फोन किया पर शायद वो उसके ड्यूटी जाने का समय था इसीलिए उसने फोन नहीं उठाया /
एक और बात बताना चाहूंगा वो ये की हम दोनों लोगों ने एक साथ पांच बृहस्पतिवार साँई बाबा का ब्रत रखने का संकल्प लिया था और ये मन्नत मांगी थी की हमारी शादी एक दूसरे हो जाये / और हर बृहस्पतिवार हम दोनों लोग साँई बाबा के मंदिर साथ में जाते थे /
उस दिन बृहस्पतिवार ही था जिस दिन तनु की मम्मी का फोन हमारे पास आया था / और उस दिन शाम को जब हम तनु से मँदिर में मिले तो सारी बात जो उसकी मम्मी ने हमसे कही थी मैंने उसे जब बताई तो उसे बहुत गुस्सा आया था अपनी मम्मीपर और शायद मै उस दिन अगर तनु को नहीं रोकता तो वो अपनी मम्मी से जरूर लड़ाई करती / उस दिन वो हम पर भी गुस्सा हुई की मैंने कोई उत्तर क्यों नहीं दिया उनकी मम्मी को /
बहुत सारी बातें सोचनी पड़ती है कोई भी निर्णय लेने से पहले अगर कोई बात हो गई या मुझे ही कुछ हो गया तो मेरे मम्मी पापा का क्या होगा क्यूंकि मै अपने मम्मी पापा का अकेला बेटा हूँ / और अगर उन्हें कुछ हो गया तो उनका क्या होगा / दूसरी बात मैंने अपने पुरे जीवन में अपने से बड़ों को कभी न तो जवाब दिया ना ही कभी बद्तमीजी से बात की है / फिर मै तनु की मम्मी को कैसे कोई जवाब दे सकता था पर ये सब तनु को समझाना बहुत मुश्किल था क्यूंकि बहुत जिद्दी है और अपनी जिद और गुस्सा के आगे वो कुछ भी नहीं समझती थी / खैर उस दिन हमारी बात उसने मानी और घर जाकर उसने किसी से कुछ बात नहीं की /
वैसे ये जो घटना घटी उसकी वजह थी जब भी उसके घर वाले तनु से कही और शादी के लिए कहते वो मना कर देती थी और एक दिन पहले ही तनु की अपनी मम्मी से इस बात को लेकर काफी कहा सुनी हो चुकी थी / और काफी दिन पहले तनु अपनी मम्मी से मज़ाक में बोल चुकी थी कि आप लोग अगर ज्यादा परेशान करोगे तो हम भाग कर शादी कर लेंगे / तनु की मम्मी को ये बात पता थी की तनु की मुझसे बात होती है / और तनु का बार-बार शादी के लिए मना करना / ये सब वजहें शायद थी जो तनु की मम्मी को लगा की हम शायद तनु को भड़का रहे है इसी वजह से तनु शादी के लिए मना कर रही है /
हम लोग रोज शाम को एक दूसरे के फोन का इंतजार करते थे क्यूंकि शाम को वो अपनी क्लिनिक पर होती थी और हम अपनी / जहाँ उसके घरवाले कम ही आते थे / अगली शाम को हमारी जब तनु से बात होती है और वो जो कुछ बताती है उससे हमारे रोंगटे खड़े हो जाते है / तनु ने बताया की आज उसकी मम्मी ने उसे बहुत मारा उसका सारा शरीर बहुत दर्द कर रहा है / मेरी तो रूह काँप गई ये बात सुनकर मुझे तो बिश्वास ही नहीं हो रहा था की कोई माँ ऐसा कैसे कर सकती है /
उसने बताया की उसने पूर्ण आत्मसमर्पण कर दिया है और वो जैसा चाहते है जहाँ चाहते हैं वहीँ शादी करेगी / हमने भी उसकी बात का समर्थन कर दिया / पर वो खुश नही थी / ये हमे अहसास था पर हम शायद वो नहीं कर सकते थे जो वो चाहती थी / मेरी तनु सबसे अलग थी वो सब कुछ तुरंत पा लेना चाहती थी / दुनियादारी के झंझट उसे समझ में नहीं आते है / उसको लगता दुनिया बिल्कुल वैसी है जैसी वो है / वो दिन में हमसे कितना भी झगड़ा कर ले रात मे बिल्कुल छोटा बच्चा बन जाती थी / वो अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहती थी लेकिन दुनिया वालों ने उसे वैसा जीने नहीं दिया / तनु की मम्मी को डाइबिटीज और पापा को एक बार हार्ट अटैक पड़ चुका है / इसलिए हम लोग चाहकर भी ऐसा कोई निर्णय नही ले सकते थे की जिससे किसी के परिवार के किसी सदस्य को कोई दिक्कत हो और जिंदगी भर बाद हमें उस पर पछतावा हो / सिर्फ इसीलिए हमने अपनी शादी का फैसला किस्मत और भगवान पर छोड़ दिया / इस ज़माने चमत्कार होते हैं या नहीं हमें नहीं पता पर हमे लगा कभी न कभी तो उसके परिवार वाले हमारे प्यार को समझेंगे /
उसके अगले दिन रात में उसने बताया की वो आज दीपक से मिली वो लड़का जिससे उसकी शादी की बात चल रही थी / तनु के मम्मी-पापा दीपक से मिल चुके थे / दीपक की मम्मी भी तनु से मिल चुकी थी / उसने बताया की सामान्य बाते ही हुई उसकी दीपक से / उसने बहुत मुश्किल से अपने आप को तैयार किया था दीपक से मिलने और शादी के लिए / पर कहते है ना किस्मत से ज्यादा और समय से पहले कुछ भी नहीं होता वही हुआ तनु के साथ भी / पैसों के लेन-देन की वजह से तनु की शादी फिर टूट गयी / और इस बार तनु ज्यादा गुस्सा हुई अपने परिवार वालों और दीपक के परिवार वालों से / तनु बहुत ही संवेदनशील लड़की है इस घटना ने उसके दिलों दिमाग पर बहुत गहरा असर डाला जिसकी वजह से वो अब बहुत ज्यादा चिड़चिड़ी सी रहने लगी थी / उसे अपने मम्मी पापा से घृणा होने लगी थी और अपने घर में वो किसी से बह बहुत काम ही बात करती थी / हम खुश जरूर थे उसकी शादी टूटने से पर तनु के दुःख और उसके आत्मसम्मान को जो ठेस पहुंची उस वजह से हम भी दुखी थे /
वो अक्सर बोलती कोई नहीं हमारी शादी न हुई तो क्या हुआ मै तुम्हारी हाफ गर्लफ्रेंड तो बन सकती हूँ / वो ये भी बोलती की मै अपना पहला एक्स्ट्रा मैराइटल अफेयर तुमसे करुँगी / उसकी यही सब बातें तो मुझे उससे प्यार करने को मजबूर कर देती थी / पूरा का पूरा बचपना भरा था उसमे / परियों की दुनिया में रहती थी वो उसे लगता था जैसी वो है वैसी ही है सारी दुनिया और दुनिया के लोग / वो अक्सर हमसे पूँछती थी की क्या उसका स्ट्रेट फॉरवर्ड होना गलत है / वो साफ साफ बोलती थी की उसे दुनियादारी नहीं समझ में आती तो वो क्या करे / तनु हमारी जिंदगी में खुशियों का सागर लेकर आई थी ऐसा सागर जिसकी वजह से हम अपनी जिंदगी की सारी कडुवाहट भूल कर जिंदगी जीने लगे / तनु से मिलने के बाद हमें जिंदगी जीने का मकशद मिल गया उससे पहले तो हम जिंदगी को बस जिए जा रहे थे या कहिये एक बोझ की तरह ढोये जा रहे थे /
हमारा प्यार अपनी राह पर चल रहा था और इस बात की खबर शायद तनु के परिवार वालों को थी और इस बार उन्होंने बहुत ही सोची समझी साजिश रची और बिना तनु से पूछे ही उसकी शादी की बात पक्की कर दी उसको ऐसा जामा पहनाया की तनु मना ही न कर सके / अचानक ही एक दिन तनु के बड़े पापा लड़के वालों के साथ आये और उसी दिन रोका कर दिया गया और तनु के घर वालों मतलब उसके मम्मी पापा ने उसे यही बताया कि उन्हें भी इस बारे में कुछ नहीं पता सारी बातचीत उसके बड़े पापा ही करते हैं /
जिस दिन रात में उसने हमें ये बात बताई हम भी चकित रह गए पर अपनी परेशानी को छुपाते हुए उसे बधाई दी और उस दिन व्हाट्सअप हम लोगों ने बहुत कम बातें की शायद दोनों लोगों ने अपने दुखो को एक दूसरे पर जाहिर नहीं होने देना चाहते थे / अगले दो से तीन दिन हमारे लिए बहुत कठिन थे / हम इतना रोये शायद हम ही जानते है और हमारे रोने से तनु को और गुस्सा आता था वो हमेशा हमें लड़की बोलती थी क्यूंकि हम बहुत जल्दी रोने लगते थे / और तनु अपने दुःख जल्दी से किसी से नहीं बताती थी सिर्फ हमारे पर इस बार उसने हमें भी कुछ नहीं बताया और सारे गम अकेले ही पी गई और हमें लगता रहा की उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा की हम ठीक है की नहीं / पर कहते हैं न की जो बात जुबान नहीं कह पातीं वो ऑंखें बयाँ कर जाती है इसीलिए मै उससे मिलने उसे बिना बताये उसकी क्लिनिक गया / उसकी आँखों में देखते ही समझ गया की वो ऐसा क्यों कर रही है / उसकी आँखों की गहराइयों में झांकते ही हम समझ गए वो अपने गम को हमसे बता कर हमें और दुःख नहीं करना चाहती थी / शायद अब वो बड़ी हो चुकी थी या बनने की कोशिश कर रही थी पर उसकी आँखों ने उसकी सारी सच्चाई बयाँ कर दी /
उसकी आँखों की गहराइयों में मैं अपने लिए प्यार सागर देख चुका था और मै बहुत खुश था / ना पाकर भी मै अपना प्यार पा चुका था / मुझे अपने प्यार पर गर्व था, है, और हमेशा रहेगा / मै भगवान से यही प्रार्थना करूँगा की मेरी तनु जहाँ भी रहे हमेशा खुश रहे / तनु से हमारी शादी भले ही ना हो पर हमारा प्यार जीत चुका था / सच्चे प्यार की कहानी शायद हमेशा अधूरी ही रह जाती हैं शायद इसलिए हमारी कहानी अधूरी रह गयी /
मंजिल मिले न मिले ,
काफिला तो साथ है ,
प्यार अधूरा है या पूरा ,
पर वो तो मेरे साथ है / ...............................
जिंदगी बन गए हो तुम
मेरी खुशी बन गए हो तुम .....................
डॉ तनु वेड्स डॉ मनु ( हमारी अधूरी कहानी ) : लेखक डॉ. मनीष गुप्ता
Reviewed by कहानीकार
on
September 06, 2017
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