मिस्ड कॉल .... : लेखक પ્રીતિ ટેલર
जयति एक चालीस वर्षीय महिला है ।अपने छोटे से परिवार के साथ एक छोटे से फ्लैटcमें रहती है .बेटा बड़ा हो गया है. जिम्मेदारियां कुछ कम भी हो गई है .उसके फ्लैट के सामने वाले फ्लैट में एक दिन चार लड़कीयां रहने आती है .चारों बाहरसे शहरमें मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए आई हुई है .पॉँच साल के लिए .जयति के घर की बालकनी के सामने उनकी रसोई पड़ती थी .हल्लो हाय के साथ एक नया रिश्ता जुड़ गया जो उन पांचोंको पता भी नहीं चला ....
निशा ,अरजनी ,पायल और पियूष !! सिर्फ़ नाम से वास्ता रहा उनका ।शाम को जब वह लड़कियां कोलेज से वापस आती तब सब मिलके पन्द्रह बीस मिनट तक बातें करते रहते .जयति के जिंदगी की तन्हाई में उन लड़कियोंने एक नया रंग भर दिया .हर रोज शाम का उसे इन्तजार रहने लगा .जयति खिल गई इन नई पीढी की संगतमें !!! हर विषय पर नई नई बातें : फ़िल्म ,पढ़ाई , अपने गुजरे ज़माने की और ना जाने क्या क्या ????
जयतिका स्वभाव ही कुछ अलग था ।उसे आम औरतों की तरह चुगली वाली बातें जरा भी नहीं भाती थी .नई जनरेशन उसे ज्यादा अच्छी लगती थी .उनकी विचारधारा को भी वह सही तरीके से समज पाती थी .उन लड़कियों को भी जयति में एक आंटी नहीं पर एक बेहतर दोस्त नजर आती थी ...
अपने परिवारसे दूर रहने वाली इन लड़कियों को जयति में अपनी माँ या बड़ी बहन नजर आती थी ।
पायल बड़ी शरारती थी । वह कोलेज से आते ही एक मिस कॉल करके जयति को किचन से बालकनी में बुलाती थी .फ़िर कहती ," आपका चेहरा कल देखा था तो सिर्फ़ आपको देखने के लिए ही बुलाया !!!"
जयति जूठा गुस्सा दिखाते कहती," तुम्हारी वजह से मेरी रोटी जल गई !!!"
कितना प्यारा और निर्दोष रिश्ता जुड़ गया था उन सबके बीच !!!वे सभी जानते थे उन सबको एक दिन हमेशा के लिए जुदा भी होना है !!! फ़िर भी इस रिश्तों को जीनेमें उन्होंने कोई कसर नहीं रखी । भरपूर जिया !!!जब अपना जन्मदिन होता वह लड़कियां जरूर जयति का आशीर्वाद लेने आ जाती .वेकेशनमें जब सब अपने शहर जाती तो भी जयति को जरुर याद करती .ईमेल करती ,फोन करती ...
उन सबके बीच एक communication का एक खूबसूरत तरीका था ।missed call करने का .ये missed call का मतलब था -हमने आपको दिलसे याद किया है !!!सिलसिला यूँ ही चल पड़ा ....
आखिर वह दिन पास आने लगा । लड़कियोंने डाक्टर बन गई .इन्टर्न शिप का आखरी साल गुजरने लगा .अब थोड़े महीनों में सब अपने शहर लौटनेवाली थी . फ़िर कब जाने मुलाकात होगी ??
अब बातों में हलकी मायूसीकी झलक भी कभी दिख जाती थी । सब कभी इतवार को जयति को घर भी जाती .जयति उन्हें प्यारसे समजाती,"बेटे ! आप सब तो लड़कियां हो न !कुछ साल के बाद आपको माँ बाप का आँगन छोड़कर पंछी की तरह उड़ जाना है .आप सबका एक अलग संसार होगा , खुशियाँ होगी , अपनी उलझने होंगी ."
पायल भावुक हो जाती ।," आंटी हम सब आपको बहुत मिस करेंगे !!"
जयति कहती," बेटे ,जब आप सब मेरी उम्रके हो जाओगे तब आप सबको ये दिन बहुत याद आयेंगे । तब तुम्हे कोलेज के ये दिन सबसे खुबसूरत लगेंगे .और तब आपकी यादों में जरूर मुझे पाओगे . हम जुदा नहीं होंगे . हम तो एक दुसरे के दिलों में हमेशा के लिए बसे रहेंगे ..."
साल पुरा हो ही गया ॥
वह दिन भी आख़िरकार आ ही गया ...
सामान लेकर सब लड़कियां जाने से पहले आखरी बार मिलने जयति के घर उसे मिलने आई । सबने कल की शाम जयति के घर डिनर करके भरपूर गुजारी थी . सबके होठ हंस रहे थे . आख़िर घर वापस जाना था ! आँखे रो रही थी ॥
अब जयति पीछे वाली बालकनी में नहीं जाती । ये सब missed call करके ये अभी जताते है की हाँ हमने आपको दिलसे याद किया है .
एक दिन जयति को रोड एक्सीडेंट हो गया ।बचने की कोई उम्मीद नहीं थी .उसी वक्त हॉस्पिटल में हर वक्त की तरह पायल का miss call आया . जयतिने अपने बेटे को मोबाइल दिया .और कहा,"बेटे ! मेरी एक ख्वाहिश है की ये सिलसिला कभी न टूटे . तुम इनको मत बताना मेरे बारेमें ." पर जयति की जीवन की डोर टूट गई !!!उसके सेल फोन से अभी जवाबी miss call जरुर जाता था .
एक दिन पायल अपनी शादी का कार्ड लेकर जयति के घर आती है ।
दिल टूट गया, रो दिया ..
और एक missed call का खुबसूरत रिश्ता उसी लम्हेके साथ टूट गया ......
जयति एक चालीस वर्षीय महिला है ।अपने छोटे से परिवार के साथ एक छोटे से फ्लैटcमें रहती है .बेटा बड़ा हो गया है. जिम्मेदारियां कुछ कम भी हो गई है .उसके फ्लैट के सामने वाले फ्लैट में एक दिन चार लड़कीयां रहने आती है .चारों बाहरसे शहरमें मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए आई हुई है .पॉँच साल के लिए .जयति के घर की बालकनी के सामने उनकी रसोई पड़ती थी .हल्लो हाय के साथ एक नया रिश्ता जुड़ गया जो उन पांचोंको पता भी नहीं चला ....
मिस्ड कॉल .... : लेखक પ્રીતિ ટેલર
Reviewed by कहानीकार
on
September 06, 2017
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